Founder Secretary Prof. Ale Rasool with Rajya Sabha MP Tariq Anwerजन सहयोग फाउंडेशन- बिहार से लेकर बैंगलोर तक का सफर“हो मेरा काम ग़रीबों की हिमायत करना, दर्दमंदों से जईफ़ों से मोहब्बत करना” इसी उद्देश की पूर्ति के लिए जन सहयोग फाउंडेशन की शुरूआत की गई थी, जो आज बिहार के छोटे से कोने से निकलकर देश के दूसरे हिस्सों तक अपनी पहचान बना चुकी है, लोगों के विश्वास का प्रतीक बने जन सहयोग फाउंडेशन रोजाना सफलता के नए पैमाने को छू रहा है, यही वजह है कि बहुत थोड़े दिनों में संगठन ने देश भर के तकरीबन दस हजार युवा कार्यकर्ताओं की फौज खड़ी कर दी है, जो सामाजिक उद्देश्य की पूर्ति के लिए रोजाना संगठन को निस्वार्थ भाव से सेवा दे रहे हैं, संगठन को आपदा नियत्रण, प्रबंधन और समय से पहले राहत कार्य पहुंचाने में विशेज्ञता हासिल है, मानव सेवा के क्षेत्र में बेहतर कार्य करने के लिए जेएसएफ राष्ट्रपति
डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम के हाथों सम्मानित हो चुका है,
“अकेले ही निकले थे जानिबे मंजिल मगर, लोग मिलते गए कारवां बनता गया” जेएसएफ की स्थापना पटना यूनिवर्सिटी के पूर्व छात्र तथा प्रोफेसर मो. आले रसूल ने सन् 2001 में की थी,
प्रोफेसर आले रसूल को पूर्व राष्ट्रपति डा.जाकिर हुसैन के हाथों गोल्ड मेडल लेने का गौरव हासिल है, उन्होंने जेएसएफ की शुरूआत अकेले ही की थी, लेकिन धीरे- धीरे लोग संगठन से जुड़ते चले गए और ये कारवां बनता गया, नतीजतन जेएसएफ आज बैंगलोर से लेकर कटिहार तक मानवीय सरोकारों से जुड़े मुद्दों पर काम रहे हैं,
आज संगठन के पास देश के आईआईएम, आईआईटी, एनआईटी, एमआईटी (USA), आईआईएससी, आईबीएम, एचपी, गूगल, इनफ़ोसिस, विप्रो, जैसे शैक्षिक और व्यवसायिक संस्थानों जुड़े 10 हजार से अधिक युवाओं की फौज है, जो बिना किसी मुआवजे के लोगों की सेवा में काम कर रहे हैं, लोगों का संगठन से जुड़कर काम करने का सिलसिला बदस्तूर जारी है, फोटो
जेएसएफ मानवीय सरकारों से जुडे अलग अलग मुद्दों को लेकर लोगों के बीच काम करती है, संगठन के 15 सूत्रीय कार्यक्रमों में शिक्षा एवं स्वास्थ्य प्रसार कार्यक्रम, आपदा प्रबंधन, एड्स और कैंसर विरोधी कार्यक्रम, ग्रामीण विकास कार्यक्रम, पर्यावरण संरक्षण एवं वृक्षा रोपण कार्यक्रम, युवा खेल एवं सास्कृतिक कार्यक्रम, रोड सेफ्टी एवं धार्मिक सद्भाव को बढ़ावा देना जैसे प्रोग्राम शामिल हैं, ये सारे कार्यकर्म पूरी तरह से लोगों के सहयोग से लोगों के लिए देशहित में चलाया जा रहा है, संगठन का नेतृत्व राष्ट्रीय समन्वयक इंजीनियर शाह फैसल, संयुक्त राष्ट्रीय समन्वयक मो. फाएज़, स्वयंसेवक प्रमुख बिहार उत्तम कुमार, परियोजना प्रबंधक मनीष कुमार,संचालन प्रबंधक इंजीनियर वसीम इकबाल, स्वयंसेवक प्रमुख बैंगलोर नवीन एस, सोनाली कुसुम (मानवाधिकार प्रमुख), अध्याय समन्वयक इंग्लैंड अब्दुल मन्नान कर रहे हैं,
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संगठन से जुड़े युवा कार्यकर्ताओं के पास देश के अलग अलग हिस्सों में आए प्राकृतिक आपदाओं से निपटने और पीड़ितों तक मदद पहुंचाने का बेहतर अनुभव है, बिहार में कोसी की बाढ से तबाही़, गुजरात व जम्मू-कश्मीर में आए विनाशकारी भूकंप और दक्षिण भारत में आए सुनामी के कहर से प्रभावित परिवारों तक सबसे पहले मदद पहुंचाकर इन कार्यकर्ताओं ने मानवता की एक सच्ची मिसाल पेश की है, हाल ही में बिहार में कोसी की विनाशकारी बाढ़ के दौरान जेएसएफ ने लोगों तक मदद पहुंचाने के लिए
"ऑपरेशन सेव लाइव" चलाया, तीन चरणों में चले इस ऑपरेशन के तहत कार्यकर्ताओं ने जान पर खेलकर हजारों बेघर हुए परिवारों तक सबसे पहले मदद व राहत सामग्री पहुंचाई, संगठन की इस सफलता से प्रभावित होकर तत्कालीन राष्ट्रपति डा ए पी जे अब्दुल कलाम और देश की पहली महिला आपीएस अधिकारी किरण बेदी ने संगठन को सम्मानित किया,
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जन के लिए, जन सहयोग से चलने वाला, जन सहयोग फाउंडेशन का मुख्यालय बैंगलोर के मत्तिकर में स्थित है, देश के अलग अलग हिस्सों में चल रहे कामों का संचालन यहीं से किया जाता है, संगठन का मानना है कि प्राकृतिक आपदाओं के वक्त राहत कार्य चलाने और सामग्रियों के वितरण, प्रबंधन का जो अनुभव मिला है, उसे दूर तक ले जाएंगे, राहत ऑपरेशन की सफलता से कार्यकर्ताओं के हौसले बुलंद हैं और नई उर्जा के साथ मानवता की सेवा कर रहे हैं, लेकिन जन सहयोग के बिना कुछ भी संभव नहीं है, इसलिए लोगों से सहयोग की अपेक्षा है,
“अंजाम उसके हाथ है तू आग़ाज़ करके देख, भीगे हुए परों से भी तू परवाज़ करके देख”जनसहयोग बैंगलोर वाकाथोन-2010युवाओं से लेकर बच्चे, बुजुर्गों में सामाजिक सरोकारों को तय करने और शिक्षा के प्रति दिलचस्पी पैदा करने तथा कम विशेषाधिकार प्राप्त बच्चों को शिक्षित करने के उद्देश्य से जन सहयोग बैंगलोर वाकाथोन-2010 का आयोजन 2 मई को कान्तीरावा स्टेडियम में किया गया था,पांच किलोमीटर लंबी इस रैली को
" वाक फोर लिटरेसी...मेक ए डिफरेंस " के स्लोगन के साथ उस रैली में बैंगलोर शहर के अलग अलग स्कूल- कॉलेजों में पढ़ने वाले छात्रों के अलावा निजी कंपनियों के 2500 से ज्यादा कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया,
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कान्तीरावा स्टेडियम से निकलने वाली इस रैली को
कन्न्ड़ फिल्मों की मशहूर अभिनेत्री पूजा गांधी ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया, इस मौके पर जे एस एफ कार्यकर्ताओं के अलावा
फैशन डिजाइनर संजय चैररिया, शम्मी चैररिया, प्रोफेसर एम आर होल्ला और गायक मोहम्मद फाएज़ जैसे जाने पहचाने लोग मौजूद थे, कस्तूरबा गांधी रोड से अनिल कुंबले सर्किल, विट्ठल माल्या रोड तथा कॉर्पोरशन सर्किल होते हुए कान्तीरावा स्टेडियम पहुंचने वाली इस पांच किमी लंबी रैली में शहर के हजारों लोगों ने हिस्सा लिया, रैली में भाग लेने के लिए लोग सूरज उगने के साथ ही स्टेडियम के द्वार पर दस्तक दे चुके थे, लोगों की सुरक्षा के लिए यहां पर व्यापक इंतजाम तथा पुलिस की कड़ी सुरक्षा प्रदान की गयी थी !
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उधर रैली में लोगों की भारी भीड़ को देखकर खुश फैशन डिजाइनर संजय चैररिया ने कहा कि इस तरह की आयोजनों से लोगों में जन जागरुकता फैलाने में मदद मिलती है वहीं शम्मी चैररिया का मानना है कि इस तेज रफ्तार जिंदगी में मानवीय सरोकारों से जुड़े मुद्दों पर काम करने के लिए एक बेहतर मंच मिल जाता है, इस तरह की कार्यकर्मां में युवाओं को आगे आकर हिस्सा लेना चाहिए, रैली की सफलता से खुश जेएसएफ के इंजीनियर शाह फैसल, मनीष कुमार, मो़ फाएज, वसीम इकबाल,नवीन एस, सोनाली कुसुम, संजय नायक, उत्तम कुमार, अब्दुल मन्नान और अन्य सहयोगियों ने लोगों को धन्यवाद दिया, इस मौके पर इन लोगों ने आगे भी इस तरह की कार्यकर्मो से लोगों को जुड़ने की अपील की !
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जन सहयोग फाउंडेशन द्वारा आायोजित इस वाकाथोन को
यूनियन बैंक ऑफ़ इंडिया, न्यूलाइफ, एवीके इंस्टीट्यशंस, जनाग्रह, फास्ट्रो मिनरल वाटर, मारवाड़ी युवा मंच और चोपड़ा टी-शर्ट्स का भरपूर सहयोग मिला, इस मौके पर समाज सेवा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए मो. मनसूर और अदिति को इस साल का जन सहयोग
यूथ एचीवर्स अवार्ड दिया गया !
जन सहयोग के उद्देश्य से स्थापित यह जन सहयोग फाउंडेशन, जन सहयोग के बिना अपनी मंज़िल तक नहीं पहुँच सकता ! इसलिए वे लोगों से सहयोग की अपेक्षा भी रखते हैं! जन सहयोग फाउंडेशन इस नेक काम के लिए लोगों को जे एस एफ से जुड़ने की अपील करता है !